माँ ने कहा
बच्चों
से
अच्छा लगता
है
तुम
घर
आते
हो
कुछ वक़्त
मेरे
साथ
बिताते
हो
मेरी सुनते
हो
अपनी
सुनाते
हो
मेरी जवानी
अपना
बचपन
याद
दिलाते
हो
पिता ने कहा
बच्चों
से
अच्छा लगता
है
तुम
आते
हो
तुम्हारी माँ
की
आँखों
मे
खुशी
देते
हो
मुझे फिर
से
बाज़ार
जाके
तुम्हारे
लिए
कुछ
लाने
का
मौका
देते
हो
इस घर को
फिर
रोनकों
से
भर
देते
हो
दादी ने कहा
पोती
से
अच्छा लगता
है
तुम
आती
हो
कुछ वक़्त
मेरे
साथ
बिताती
हो
मेरी एक ही
बात
बिन
शिकायत
कितनी
बार
सुन
लेती
हो
तुम बार
बार
आया
करो
भाई ने कहा
बेहन
से
अच्छा लगता
है
तुम
आती
हो
हमारा बचपन,वो
नोक-झोंक
फिर
से
याद
दिलाती
हो
इस घर को
फिर
एक
बार
पूरा
कर
जाती
हो
वो आंटी
हर
बार
कहती
थी
अच्छा लगता
है
तुम
आती
हो
कम बोलती
हो
पर
मेरी
सुनकर
मुस्कुराती
रहती
हो
तुम नही
आती
हो
तो
कह
नही
पाती
हूँ
अपने
दिल
की
तुम आया
करो
उसको साथ
बिठाकर
बस
एक
बार
खाना
खिलाया
था
अच्छा लगता
है
जब
हर
बार
मुझे
देख
कर
एक
लंबी
मुस्कान
देता
है
कहता है अच्छा
लगता
है
आप
जब
भी
दिखती
हो
अच्छा लगता
है
उसकी
सुनना
जिसकी
सुनने
वाला
कोई
ना
हो
दो प्यार
भरे
बोल
के
बदले
जो
स्नेह
मिलता
है
उसकी तुलना
किसी
से
ना
हो
भागदौड़ भरी
ज़िंदगी
से
कुछ
पल
चुरा
कर
थोडा ठहर
कर
ज़िंदगी
का
लुतफ
लेना
अपने-परायों
से
स्नेह
से
मिलना
उनको अपने
वक़्त
का
साझीदार
बनाना
अच्छा लगता
है
बस अच्छा
लगता
है
very nice :)
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